हैप्पीनेस क्या है, जीवन में क्यों पड़ती है इसकी जरूरत

खुशी यानी हैप्पीनेस (Happiness) ऐसी चीज है जो हर इंसान में अलग-अलग होती है. इसके अलावा खुशी को एक तरह से परिभाषित नहीं किया जा सकता है. व्यक्ति दर व्यक्ति हैप्पीनेस की परिभाषा भी बदल जाती है. आपकी खुशी किसी दूसरे की खुशी से अलग हो सकती है. वास्तव में, हमारे जीवन (Life) में खुशी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, और यह हमारे जीवन जीने के तरीके पर बहुत बड़ा प्रभाव डाल सकती है. हालांकि शोधकर्ताओं ने अभी तक खुशी के लिए परिभाषा या एक सहमति-आधारित रूपरेखा नहीं बनाई है. खुशी यानी हैप्पीनेस क्या है? हैप्पीनेस की परिभाषा के रूप में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में इसे खुश होने की अवस्था कहा गया है. इसके अलावा इसे खुशी या संतोष महसूस करना या दिखाना कहते हैं. यह लम्बे समय तक चलने वाली स्थायी विशेषता नहीं है. यह थोड़े समय के लिए आने वाली परिवर्तनशील अवस्था है. हैप्पीनेस की फॉर्म होती है, जो अलग-अलग समय के दौरान आती है. जरूरी नहीं है कि खुशी बाहरी या आंतरिक अनुभव हो. यह दोनों ही हो सकती है. ये भी पढ़ें – सर्दियों में हाथों की ड्राईनेस होगी दूर, ट्राई करें रवीना टंडन के ये टिप्‍स हैप्पीनेस क्यों जरूरी है? आप सोच रहे होंगे कि खुशी को जीवन का इतना अहम पहलू क्यों माना जाता है, क्योंकि सार्थक जीवन के कई घटक होते हैं. जीवन की संतुष्टि, अर्थ और भलाई को खुशी से जोड़ा जा सकता है. हर किसी के लिए खुशी भी जरूरी नहीं है. हैप्पीनेस क्यों जरूरी है, इसके बारे में कुछ इस तरह समझा जा सकता है. सफलता के लिए जरूरी खुश रहने वाले लोग ज्यादा सफलता प्राप्त करते हैं. शादी, दोस्ती, आय, काम के प्रदर्शन और स्वास्थ्य सहित कई जीवन क्षेत्रों में खुश लोग अधिक सफल होते हैं. इन सभी क्षेत्रों में हैप्पीनेस एक खासा जरूरी पहलू माना जा सकता है. बेहतर सपोर्ट सिस्टम हैप्पी रहने वाले लोगों को जीवन में सपोर्ट सिस्टम भी बेहतर मिलता है. दोस्ती हो या अन्य कोई रिश्ता हो, खुश रहने वाले लोगों के लिए हर क्षेत्र में समर्थन ज्यादा होता है. नाखुश रहने वाले लोगों का सपोर्ट सिस्टम इतना मजबूत नहीं होता. जीवन के हर पड़ाव में आपको सपोर्ट सिस्टम की आवश्यकता होती है. स्वस्थ रहने के लिए अहम खुश रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ता है. खुश रहने वाले लोग ज्यादा स्वस्थ रहते हैं. भविष्य में भी स्वस्थ जीवन के लिए खुशनुमा माहौल जरूरी होता है. खुश रहने वाले लोग नाखुश रहने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा लम्बा जीवन जीते हैं. ज्यादा क्रिएटिव होने के लिए जरूरी हैप्पी रहने वाले लोग ज्यादा प्रोडक्टिव और क्रिएटिव होते हैं. सकारात्मक अनुभव करने वाले सभी लोगों तक यह प्रभाव फैलता है. खुश रहकर करने वाले कार्य में क्रिएटिविटी ज्यादा रहती है और कौशल में भी वृद्धि होने के आसार ज्यादा रहते हैं. इसे भी पढ़ेंः वेजिटेरियन डाइट के बारे में क्‍या हैं मिथक क्‍या है सच, आप भी जानिए सकारात्मक प्रभाव के लिए अहम खुश रहने वाले लोगों की बात अन्य लोग मानते हैं और इसे सकारात्मक रूप में लेते हैं. अन्य लोगों को इन सकारात्मक बातों से खुशी मिलती है. अन्य लोगों को खुश रहने के लिए प्रोत्साहित करने से भी एक बेहतर प्रभाव सामने आता है. यह व्यक्तित्व को सुधारने के काम भी आता है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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